Tuesday, January 7, 2025

प्रेस का जनता दरबार: लोकतंत्र की धरोहर - प्रेस को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है, क्योंकि यह जनता और शासन के बीच सेतु का कार्य करता है। जैसे राजा जनता दरबार में अपनी प्रजा की समस्याएं सुनता था, वैसे ही आज प्रेस समाज की आवाज बनकर हर वर्ग के मुद्दों को सामने लाती है। भारत जैसे विविधताओं से भरे देश में प्रेस की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। यहां हर नागरिक को अपनी बात रखने का अधिकार है, और प्रेस इस अधिकार को आवाज देकर लोकतंत्र को सशक्त बनाती है। भ्रष्टाचार, सामाजिक अन्याय, और राजनीतिक कुशासन को उजागर करने में प्रेस की निर्भीकता इसे जनता का सच्चा मित्र बनाती है।डिजिटल युग में प्रेस की जिम्मेदारी और बढ़ गई है। हालांकि, इसके साथ फेक न्यूज़ और पक्षपाती पत्रकारिता की चुनौतियां भी सामने आई हैं। इसलिए प्रेस को निष्पक्षता और ईमानदारी के साथ अपनी भूमिका निभानी चाहिए।प्रेस का जनता दरबार हर नागरिक की उम्मीदों और आकांक्षाओं का प्रतीक है। यह न केवल समस्याओं को उजागर करता है, बल्कि समाज को समाधान की दिशा में प्रेरित भी करता है। सही मायनों में, प्रेस भारतीय लोकतंत्र की आत्मा है।

हाँ, भारत में प्रेस को जनता का दरबार लगाने का अधिकार है, लेकिन यह अधिकार संवैधानिक और कानूनी सीमाओं के भीतर आता है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19(1)(a) के तहत प्रत्येक नागरिक को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार दिया गया है, और इसी के अंतर्गत प्रेस को भी अपनी बात रखने और जनता के मुद्दों को उजागर करने की स्वतंत्रता प्राप्त है। हालाँकि, इस अधिकार पर कुछ तार्किक प्रतिबंध भी हैं, जैसे कि राष्ट्रीय सुरक्षा, सार्वजनिक व्यवस्था, और मानहानि से जुड़े विषयों पर। प्रेस को यह सुनिश्चित करना होता है कि उनकी रिपोर्टिंग सटीक, संतुलित और जिम्मेदार हो।"जनता का दरबार" एक रूपक है जो इस विचार को व्यक्त करता है कि प्रेस समाज की आवाज बनती है और जनता की समस्याओं को सरकार और समाज के सामने लाती है। प्रेस के पास न तो कानूनी तौर पर न्यायालय जैसी शक्ति है और न ही यह किसी सरकारी संस्था का स्थान ले सकती है। लेकिन यह लोकतंत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जहाँ वह आम जनता के मुद्दों को उठाकर उनकी समस्याओं का समाधान खोजने में मदद करती है।इसलिए, भारतीय प्रेस को जनता का दरबार लगाने का अधिकार तो है, लेकिन यह अधिकार ईमानदारी, निष्पक्षता और कानून के दायरे में होना चाहिए।

प्रेस जनता दरबार- आवेदन, 5 से 10 प्रश्न, आम या जन समस्या, आवेदन संछिप्त प्रकाशन, तीन महीने तक पदाधिकारी से संपर्क, 13 वे अंक में रिपोर्टें प्रकाशन। Application Time- 7am to 9am, Appointment Time...

1. FISHERY - प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह योजना के तहत सभी मछुआरो  का एन. एफ. डी. पी (NFDP) पोर्टल पर पंजीकरण करना हैं आवश्यक हैं। इस प्रोजेक्ट के विशेष जानकारी के लिए इस विडियो को देखें  -https://youtu.be/sFVzmn7a0P8     और इस प्रोजेक्ट में कैसे रजिस्ट्रेशन करना है, उसकी जानकारी के लिए इस विडियो को देखें   - https://youtu.be/6izAOSTejho  एन. एफ. डी. पी पोर्टल link:- https://nfdp.dof.gov.in/nfdp/#/registration       BAMBOO     

2. DIGIPAY, new digipay web and digipay lite तीनो AEPS पोर्टल बहुत अच्छा काम कर रहा हैं  जो error था उसका समाधान हो गया हैं, सभी VLE बंधु से आग्रह हैं की ज्यादा से ज्यादा ट्रांसक्शन करें।`1. डिजी पे (DIGIPAY)  Link :- https://digipay.csccloud.in 2. डिजी पे वेब (DIGIPAY  Web)  Link : - https://digipayweb.csccloud.in 3. डिजी पे लाइट (DIGIPAY Lite)  Link :- https://agent2.paycsc.in    

3. OLYMPIAD 5.0 में रजिस्ट्रेशन शुरू हो चूका है | जिसके माध्यम से विद्यार्थी  (Class-3 से लेकर 12 तक) अपना विषयवार तैयारी कर सकते है, साथ ही Practice Set के साथ राष्ट्रीय स्तर के Olympiad में हिस्सा ले सकते है और Reward और Certificate प्राप्त कर सकते है | Class -3 To12   Subject- 17 (Hindi ,english ,Science & More......) Language- 10 , Price- 299   Link for Registration through CSC - https://cscolympiad.org/csc-olympiad/  For help :- https://youtu.be/DcxqK_RMSQc  

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5. AGRICULTURE  : https://agri.csccloud.in/  KISAN E STORE: https://kisanestore.in/  Dehaat: https://digiacre.com/login    KVK Crop Healthcare: https://cschealth.in/   Bhu Naksha Bihar- https://dlrs.bihar.gov.in/   MUTATION- https://biharbhumi.bihar.gov.in/    Circle Rate       LATITUDE    MSME      BAMBOO        KVK     Farmers’ portal i.e. https://farmer.gov.in/. Farmers’ portal provides information on all agriculture related areas through a single umbrella. Farmers can also get scheme-wise information from the portals of the Sub-mission on Agriculture Mechanization (https://farmech.dac.gov.in/);  Mission for Integrated Development of Horticulture (https://midh.gov.in/); Pradhan Mantri Krishi Sinchayee Yojana (https://pmksy.gov.in/); Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana (https://pmfby.gov.in/); Soil Health Card Scheme (https://soilhealth.dac.gov.in/); National Mission on Oilseeds and Oil Palm (https://nmoop.gov.in/); National Bank for Agriculture and Rural Development;  (https://www.nabard.org/content.aspx?id=602); National Mission For Sustainable Agriculture (https://nmsa.dac.gov.in/); etc.      MKISAN        

6.INSURANCE  https://digitalseva.csc.gov.in/ & https://insurance.csccloud.in/ CHOLA G Ins https://epolicy.cholainsurance.com/epolicy/logon/CSCLogin.aspx  Helpdesk https://www.universal-sompo.net.in/CSCLogin/CSCLogin.aspx

7.OPD eHospital - O.P.D.(Q) - सलाह & स्वास्थ्य शिक्षा (रोगानुसार )   ,Call-  6 am To 8 am (Mob. 09931093827)  PATANJALI    SAHKARI        JEEVAN    AYUSHMAN      

8. TeleLaw-   स्वप्रमाणित आधार और घटना (  सलाह  &  शिक्षा  )  CPGRAM   - ऐसी कानून व्यवस्था जो न्यायाधीश की मर्जी से नहीं चले  या   ऐसी कानून व्यवस्था जो वकील के जिरह से न बदल जाये, वल्कि स्पष्ट रूप से लिखित हो कि , इस स्थिति में,  ऐसा  करने से,  ये सजा मिलेगी। इस तरह वकील की न तो जिरह चलेगी न जज की मर्जी। इसे  कहा जायेगा , '' सीसे की तरह साफ कानून ''

9. NEWS  1. https://flowgpt.com/  2. https://snackpromp.com/ 3  https://chatgpt.com  1.Question - Prompt . Answer- Completion. 9.2. Prompt- Requirement, Context/Idea, Example/ Reference , Format , Tone , Persona/Role    TP( CORE01,   CORE02, CORE03      
 
10. E-MIGRATE -     BHASHINI        

नल  जल  निश्चय अंतर्गत जलापूर्ति योजना संबंधित शिकायत निम्न माध्यमों से दर्ज की जा सकती है: Toll Free No.: 18001231121 , SMS/WhatsApp No.: 8544429024 , E-mail: phedcgrc2024@gmail.com Website: www.phedcgrc.in - Bihar Government

MERI SADAK -    CSC JANKARI


NOTE - राष्ट्र के लिए अख़बार  समाज के लिए CSC व परियोजनाएं  & OPD eHospital (13.01.2025)


प्रेस का जनता दरबार: लोकतंत्र की धरोहर

प्रेस को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है, क्योंकि यह जनता और शासन के बीच सेतु का कार्य करता है। जैसे राजा जनता दरबार में अपनी प्रजा की समस्याएं सुनता था, वैसे ही आज प्रेस समाज की आवाज बनकर हर वर्ग के मुद्दों को सामने लाती है।

भारत जैसे विविधताओं से भरे देश में प्रेस की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। यहां हर नागरिक को अपनी बात रखने का अधिकार है, और प्रेस इस अधिकार को आवाज देकर लोकतंत्र को सशक्त बनाती है। भ्रष्टाचार, सामाजिक अन्याय, और राजनीतिक कुशासन को उजागर करने में प्रेस की निर्भीकता इसे जनता का सच्चा मित्र बनाती है।

डिजिटल युग में प्रेस की जिम्मेदारी और बढ़ गई है। हालांकि, इसके साथ फेक न्यूज़ और पक्षपाती पत्रकारिता की चुनौतियां भी सामने आई हैं। इसलिए प्रेस को निष्पक्षता और ईमानदारी के साथ अपनी भूमिका निभानी चाहिए।

प्रेस का जनता दरबार हर नागरिक की उम्मीदों और आकांक्षाओं का प्रतीक है। यह न केवल समस्याओं को उजागर करता है, बल्कि समाज को समाधान की दिशा में प्रेरित भी करता है। सही मायनों में, प्रेस भारतीय लोकतंत्र की आत्मा है।

डॉ. शिवेन्द्र मोहन  (N.D.) , म्पादक – साभार समाचार ( हिंदी साप्ताहिक अख़बार ) , प्रकाशक – साईवर प्रेस , छावनी बेतिया  1987 में डिग्री इन कॉमर्स, 1991 में डिग्री इन नेचुरोपैथी , 1993 में दमा चिकित्सालय की  परिकल्पना  , 1997 में मशरूम उत्पादन  प्रशिक्षण , २००२ में DNHE में प्रवेश रोल न. 013110739 रहा (ईग्नू ), 2005 में प्रथम वर्मी कम्पोस्ट उत्पादक  उद्यमी रहा, 2009 में साईवर प्रेस की स्थापना,  2011 में “साभार समाचार” अख़बार को  भारत सरकार से पंजीयन, 2017 में एग्रो किवा इंडस्ट्रीज को ज्वाइन किया, 2021 में नमामि गंडक परियोजना, 2022 में जल, खर, दाना परियोजना, 2023 में पितृ परियोजना, 2024 ( 15 जन.)में हनुमान चालीसा पाठ अर्पण अभियान, 2024 (1 Sep)-  मजदूर मंच - 

OPD eHospital  (22 Jan. 2025)– Naturopath OPD, Principal (Dr. Shiwendra Mohan – N.D.) These days O.P.D. Time: 7am to 9am

प्राकृतिक नियम (Law of Nature)– प्रकृति ईश्वरीय विधान का प्रत्यक्ष प्रतिमूर्ति है। उसकी नियमतता , सहज संचालकता और सन्तुलनात्मकता में ही हमें ईश्वरीय सत्ता का आभास होता है। प्रकृति अपना नियम नहीं बदलती तभी तो बाद रात और ग्रीष्म बाद बरसात का क्रम निर्बाध रूप से चलते रहता है। वह अपना संतुलन स्वयं कभी नहीं खराब करती है सूरज अगर तपाता है तो चन्द्रमा शीतलता प्रदान करती है पतझड़ अगर उजड़ता है तो बसंत फिर गुलजार करता है ग्रीष्म धरती को दग्घ करता तो बरसात उसे तृप्त है। यही कारण की प्रकृति का स्वरुप स्वं कभी विकृत नहीं होता यदि कभी उसके स्वरुप में विकृति आती भी है तो वह स्वं उसे दूर भी कर लेती है।
इस प्रकार प्रकृति की सुगढ़ता का आधार उसकी सन्तुलनात्मकता है और इस सन्तुलनात्मकता का आधार है प्रकृति निहित वह क्षमता जिससे वह अपनी विषमताओं के बीच समन्वय स्थापित करती है परस्पर विरोधी शक्तिया, प्रपंचो एवं प्रस्थितियो के बीच समझौता कराती है। फलतः वह अपना संतुलन कभी नहीं खोती। तात्पर्य यह है कि संतुलन एक प्रकृति नियम है। प्रकृति का एक अंश होने कारण हमारा स्वरुप भी तभी अक्षुण रह सकता है जब हम अपने आप को प्रकृति तरह ही संतुलित रखें। प्रकृति की तरह हमारे अंदर भी स्व संतुलन की क्षमता तो है ही. आवश्यकता सिर्फ इस है कि हम अपनी इस क्षमता को क्रियाशील बनावे।
यह संसार किसी से समझौता नहीं करता , समझौता तो व्यक्ति को संसार से करना पड़ता है और जो ऐसा नहीं करता वही उजड़ता है टूटता है विखरता है। जीव शास्त्री भी तो यही मानते है कि धरती से कई जीव प्रजातियां मात्र इसलिए विलुप्त हो गई क्योकि उनका प्रकृति से संतुलन समायोजन स्थापित नहीं हो सका।
मानव संतुलन- शरीर के अंदर-बाहर शारीरिक क्रियाओ का संतुलन , मस्तिष्क और शरीर का संतुलन और आध्यात्मिक अर्थ में ज्ञानेद्रियों और मन का , मन और आत्मा एवं आत्मा और यथार्थ का संतुलन। इन सभी तरह के संतुलनों में आत्मा और यथार्थ का संतुलन विशेष महत्वपूर्ण है। जिस प्रकार भौतिक शरीर और भौतिक वातावरण का असंतुलन शारीरिक रोग और कष्ट उत्पन्न करता है उसी प्रकार आत्मा और यथार्थ का विसंतुलन मानसिक अशांति , क्षोभ और उद्वेग उत्पन्न करता है। इन दुखद मनःस्थितिओ से बचने के लिए जो सर्व सुलभ मार्ग है वह यह है कि हम जीव जगत की वास्त्विकताओ को स्वीकार ले। यह स्वीकृति ही परिवेश के साथ हमारे संतुलन का आधार होती है।
प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति चिकित्सा का साधन हो क्यों ? शरीर और प्रकृति , शरीर के तत्व शरीर में और शरीर सभी तत्व प्रकृति में इसी चीज का ज्ञान बहुतो को है पर प्रकृति के तत्यो को शरीर पर प्रयोग करने मात्रा, रोग , शरीर, पर्यावरण, उम्र और समय के प्रयोग को जानना जरुरी है जिसे अनुभवी चिकित्सक के माध्यम से आपके रोग को ठीक किया जाता है और अनुभवी डॉक्टर के द्वारा किये गए प्रयोग को बेसिक एजुकेशन मानकर कार्य करते रहने से होने वाले अनुभव से आप अपने शरीर के अन्य रोगो से निरोगी रहने कला जान जाते है।
नोट – प्रकृति चिकित्सा जीवनी शक्ति पर काम करती है और कोरोना काल में जीवनी शक्ति के बारे में हम सभी भली भांति परिचित हो चुके है।

OPD eHospital- बढ़ती जनसंख्या समस्या का निदान है प्राकृतिक चिकित्सा का ज्ञान।  रोगी की चिकित्सा  रोग और चिकित्सा के अनुभव के साथ चिकित्सा का होना।  

हर मेड पर पेड़ 

  1. बागवानी : बागवानी का ‘समेकित विकास मिशन’ किसानों की आमदनी दोगुनी करने में अहम भूमिका निभा रहा है। इसके लिए बेहतर रोपण साम्रगी, उन्नत बीज और प्रोटेक्टेड कल्टीवेशन, हाई डेनसिटी प्लांटेशन, रिजुविनेंशन, प्रिसिजन फार्मिंग जैसे कदम उठाए गये हैं।
  2. एकीकृत फार्मिंग (Integrated farming) : हमारी सरकार एकीकृत कृषि प्रणाली (आईएफएस) पर भी जोर दे रही है। खेती के साथ-साथ बागवानी, पशुधन, मधुमक्खी पालन आदि पर ध्यान दिया जा रहा है। इस योजना से किसानों की ना सिर्फ निरंतर आय में वृद्धि होगी बल्कि सूखा, बाढ़ या अन्य गंभीर मौसमी आपदाओं के प्रभाव को भी कम किया जा सकेगा ।
  • श्‍वेत क्रान्‍ति : राष्‍ट्रीय गोकुल मिशन से देशी नस्‍लों को संरक्षण मिल रहा है। साथ ही नस्लों में आनुवंशिक (hereditary) संरचना में भी सुधार किया जा रहा है। जिससे दूध उत्पादन में लगातार वृद्धि हो रही है। सरकार डेयरी प्रसंस्‍करण और अवसंरचना (Infrastructure) विकास निधि स्‍थापित करने जा रही है। साथ ही डेयरी उद्यमिता विकास स्कीम (डीईडीएस) से स्वरोजगार के अवसर भी पैदा हो रहे हैं। श्‍वेत क्रांति में तेजी लाई गई है ताकि किसानो की आय में वृद्धि हो सके ।
  1. नीली क्रांति : यह समेकित मात्‍स्‍यिकी विकास व प्रबंधन की व्‍यवस्‍था वाली नई पहल है जिसमें अंतर्देशीय मात्‍स्‍ियकी, जल कृषि, समुद्री मछली, मैरीकल्‍चर व राष्ट्रीय मात्स्यिकी विकास बोर्ड (एनएफडीबी) द्वारा किए गए कार्यकलापों के अलावा डीप सी फीशिंग की भी कार्य योजना प्रारंभ की गई है।
  2. कृषि वानिकी : हर खेत के मेड़ पर पेड़, परती भूमि पर पेड़ तथा इंटर क्रॉपिंग में पेड़ लगाने के उद्देश्य से पहली बारकृषि वानिकी उपमिशन” क्रियान्वित किया गया है।
  3. मधुमक्खीपालन विकास : बड़ी संख्‍या में किसानों / मधुमक्खीपालकों को मधुमक्खीपालन में प्रशिक्षित किया जा रहा है। साथ ही मधुमक्खीपालकों और शहद समितियों // फर्मों कंपनियों  / मधुमक्खी कॉलोनियों के साथ पंजीकरण किया जा रहा है। प्रत्येक राज्य में एक रोल मॉडल समेकित मधुमक्खीपालन विकास केंद्र (आईबीडीसी) की स्थापना की जा रही है।
  • रूरल बैकयार्ड पोल्‍ट्री डेवलपमेंट: इसके तहत गरीब मुर्गीपालक परिवारों कों पूरक आय (Supplemental Income) एवं पोषण संबंधी सहायता प्रदान की जा रही है। राष्ट्रीय पशुधन मिशन के तहत भेड़, बकरी, सूकर एवं बत्तख पालकों में अपनी आय बढ़ाने हेतु अवसर प्रदान करते हुए उनमे ज़रूरी जागरूकता भी पैदा की जा रही है।

  • प्रेस जनता दरबार- आवेदन, 5 से 10 प्रश्न, आम या जन समस्या, आवेदन संछिप्त प्रकाशन, तीन महीने तक पदाधिकारी से संपर्क, 13 वे अंक में रिपोर्टें प्रकाशन। Application Time- 7am to 9am, Appointment Time...

OFFICE -   साईवर प्रेस , बेतिया   प्रेस का जनता दरबार: लोकतंत्र की धरोहर - प्रेस को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है, क्योंकि यह जनता और श...