Tuesday, November 26, 2024

125 स्वदेशी और 11 विदेशी प्रजातियां हैं 
भारत के कई राज्यों के किसान बंजर भूमि या मौसम की मार से परेशान रहते हैं. ऐसे में बांस की खेती उनके लिए वरदान साबित हो सकती है. बिहार में भागलपुर और अररिया में लैब है .

1)Aadhaar number,  2)Land documents ,3)Caste Certificate (SC/ST only),  4)Phone Details, 5)Bank Details,  6)Photographs 7) DPR, The specific documents for availing the benefits of the program may vary depending on the type of intervention and the state. It is recommended to consult with the relevant authorities for detailed information on documents to be submitted.

 'हर मेढ़ पर पेड़'- एनबीएम एक विशेष पहल होगी, जो क्रॉस सेक्टोरल और बहु-विषयक दृष्टिकोण के माध्यम से बांस क्षेत्र के व्यापक विकास पर ध्यान केंद्रित करेगी। किसानों की आय दोगुनी करने और 'हर मेढ़ पर पेड़' के माननीय प्रधान मंत्री के दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए, यह चरम घटनाओं के कारण होने वाली फसल क्षति के दौरान आय और आजीविका स्रोतों को पूरक करेगा।

कृषि आय को बढ़ाने और जलवायु परिवर्तन के प्रति लचीलापन बढ़ाने के साथ-साथ उद्योगों की गुणवत्ता वाले कच्चे माल की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए गैर वन सरकारी और निजी भूमि पर बांस के रोपण के अंतर्गत क्षेत्र को बढ़ाना। बांस के रोपण को मुख्य रूप से किसानों, खेतों, घरों, सामुदायिक भूमि, कृषि योग्य बंजर भूमि और सिंचाई नहरों, जल निकायों आदि के किनारे बढ़ावा दिया जाएगा।

मिशन उन सीमित राज्यों में बांस के विकास पर ध्यान केंद्रित करेगा जहां इसका सामाजिक, वाणिज्यिक और आर्थिक लाभ है, विशेष रूप से पूर्वोत्तर क्षेत्र और मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, ओडिशा, कर्नाटक, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, गुजरात, तमिलनाडु, केरल जैसे राज्य।

25-04-2018 को आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) द्वारा पुनर्गठित राष्ट्रीय बांस मिशन को मंजूरी दी गई। मिशन का उद्देश्य क्षेत्र-आधारित, क्षेत्रीय रूप से विभेदित रणनीति अपनाकर बांस क्षेत्र के समग्र विकास को बढ़ावा देना और बांस की खेती और विपणन के तहत क्षेत्र को बढ़ाना है। मिशन के तहत, नई नर्सरियों की स्थापना और मौजूदा नर्सरियों को मजबूत करने में सहायता करके गुणवत्ता वाले रोपण सामग्री की उपलब्धता बढ़ाने के लिए कदम उठाए गए हैं। आगे के एकीकरण को संबोधित करने के लिए, मिशन बांस उत्पादों, विशेष रूप से हस्तशिल्प वस्तुओं के विपणन को मजबूत करने के लिए कदम उठा रहा है। पुनर्गठित राष्ट्रीय बांस मिशन एक केंद्र प्रायोजित योजना (सीएसएस) है। इसे राज्य नोडल विभाग के माध्यम से कार्यान्वित किया जा रहा है जिसे संबंधित राज्य/केंद्र शासित प्रदेश सरकारों द्वारा नामित किया जाता है। लाभार्थियों का चयन और सहायता का वितरण राज्य बांस मिशन/राज्य बांस विकास एजेंसी द्वारा किया जा रहा है जो राष्ट्रीय बांस मिशन को लागू करने के लिए राज्य/केंद्र शासित प्रदेश नोडल विभाग में तैनात हैं।

प्रत्येक राज्य की बांस विकास एजेंसी एक जिला स्तरीय एजेंसी का गठन करेगी। एजेंसी में उद्योग, कृषि/बागवानी, वन, ग्रामीण विकास और अन्य संबंधित विभागों, स्वयं सहायता समूहों, गैर सरकारी संगठनों आदि के अधिकारी शामिल होंगे। एजेंसी द्वारा प्राप्त सभी प्रस्तावों को संकलित किया जाएगा और मूल्यांकन और जांच के लिए बीडीए को भेजा जाएगा। यह एजेंसी गैर-वन क्षेत्रों के लिए जिला स्तर पर सभी गतिविधियों की देखरेख, समन्वय और नियंत्रण भी करेगी। जिला उद्योग केंद्र (डीआईसी) योजना समिति और पंचायती राज संस्थाओं (पीआरआई) को उनकी विशेषज्ञता और उपलब्ध बुनियादी ढांचे के आधार पर कार्यक्रम को लागू करने में एकीकृत/शामिल किया जाएगा। नोडल विभाग का जिला स्तरीय अधिकारी सदस्य सचिव होगा। दोहराव से बचने के लिए, जिला योजनाओं को मंजूरी देते समय विभिन्न स्तरों पर समितियों द्वारा समन्वय सुनिश्चित किया जाएगा। एनबीएम के तहत अनुमत इकाई लागत/सब्सिडी घटक के साथ हस्तक्षेप/गतिविधियों का विवरण अनुलग्नक IV में दिया गया है


NBM( Bamboo)    Bamboo-Species      Bihar Letter    


Monday, November 18, 2024


दो में से क्या तुम्हे चाहिए कलम या कि तलवार, मन में ऊँचे भाव कि तन में शक्ति विजय अपार।
अंध कक्ष में बैठ रचोगे ऊँचे मीठे गान]या तलवार पकड़ जीतोगे बाहर का मैदान।
कलम देश की बड़ी शक्ति है भाव जगाने वाली, दिल की नहीं दिमागों में भी आग लगाने वाली।
पैदा करती कलम विचारों के जलते अंगारे, और प्रज्वलित प्राण देश क्या कभी मरेगा मारे।
एक भेद है और वहां निर्भय होते नर -नारी, कलम उगलती आग, जहाँ अक्षर बनते चिंगारी।
जहाँ मनुष्यों के भीतर हरदम जलते हैं शोले, बादल में बिजली होती, होते दिमाग में गोले।
जहाँ पालते लोग लहू में हालाहल की धार, क्या चिंता यदि वहाँ हाथ में नहीं हुई तलवार।

पत्रकारिता में संपादकीय (संपादकीय लेख) एक ऐसा लेख होता है जो किसी समाचार पत्र, पत्रिका, या किसी अन्य प्रकाशन में किसी महत्वपूर्ण मुद्दे, घटना, या विषय पर प्रकाशन की आधिकारिक राय प्रस्तुत करता है। इसे अक्सर संपादक या संपादकीय टीम द्वारा लिखा जाता है, और यह लेख पाठकों को विषय पर सोचने और समझने के लिए प्रेरित करता है।संपादकीय के मुख्य तत्व निम्नलिखित हैं:

1. मुद्दे की प्रस्तुति - लेख में विषय को स्पष्ट और संक्षेप में प्रस्तुत किया जाता है। यह पाठकों को बताता है कि लेख किस मुद्दे पर केंद्रित है।

2. पृष्ठभूमि और संदर्भ- संपादकीय में समस्या या विषय की पृष्ठभूमि का उल्लेख होता है। इससे पाठकों को मुद्दे की गहराई को समझने में मदद मिलती है।

3. विवेचन और तर्क- संपादक अपनी राय व्यक्त करते समय तर्क और उदाहरण प्रस्तुत करते हैं। विषय के विभिन्न पहलुओं पर विचार किया जाता है।

4. समाधान या सुझाव- संपादकीय अक्सर किसी समस्या का समाधान या सुधार के उपाय सुझाता है। यह सकारात्मक दृष्टिकोण को प्रोत्साहित करता है।

5. निष्कर्ष- लेख का अंत संक्षेप और प्रभावशाली तरीके से किया जाता है। यह पाठकों को विषय पर अंतिम विचार करने के लिए प्रेरित करता है।

उदाहरण: अगर कोई राष्ट्रीय मुद्दा जैसे "जलवायु परिवर्तन" हो, तो संपादकीय में इसके प्रभाव, इसके लिए जिम्मेदार कारण, और इसे कम करने के उपायों पर चर्चा की जा सकती है। संपादकीय का उद्देश्य जनमत तैयार करना और पाठकों को जागरूक बनाना होता है।

हिंदी पत्रकारिता में संपादकीय का महत्व: हिंदी पत्रकारिता में संपादकीय न केवल मुद्दों पर प्रकाश डालते हैं, बल्कि वे पाठकों को गंभीरता से सोचने और समाज में बदलाव लाने की प्रेरणा भी देते हैं।

पत्रकारिता में संपादकीय (संपादकीय लेख) एक ऐसा लेख होता है जो किसी समाचार पत्र, पत्रिका, या किसी अन्य प्रकाशन में किसी महत्वपूर्ण मुद्दे, घटना, या विषय पर प्रकाशन की आधिकारिक राय प्रस्तुत करता है। इसे अक्सर संपादक या संपादकीय टीम द्वारा लिखा जाता है, और यह लेख पाठकों को विषय पर सोचने और समझने के लिए प्रेरित करता है।

संपादकीय के मुख्य तत्व निम्नलिखित हैं:

1. मुद्दे की प्रस्तुति

  • लेख में विषय को स्पष्ट और संक्षेप में प्रस्तुत किया जाता है।
  • यह पाठकों को बताता है कि लेख किस मुद्दे पर केंद्रित है।

2. पृष्ठभूमि और संदर्भ

  • संपादकीय में समस्या या विषय की पृष्ठभूमि का उल्लेख होता है।
  • इससे पाठकों को मुद्दे की गहराई को समझने में मदद मिलती है।

3. विवेचन और तर्क

  • संपादक अपनी राय व्यक्त करते समय तर्क और उदाहरण प्रस्तुत करते हैं।
  • विषय के विभिन्न पहलुओं पर विचार किया जाता है।

4. समाधान या सुझाव

  • संपादकीय अक्सर किसी समस्या का समाधान या सुधार के उपाय सुझाता है।
  • यह सकारात्मक दृष्टिकोण को प्रोत्साहित करता है।

5. निष्कर्ष

  • लेख का अंत संक्षेप और प्रभावशाली तरीके से किया जाता है।
  • यह पाठकों को विषय पर अंतिम विचार करने के लिए प्रेरित करता है।

उदाहरण:

  • अगर कोई राष्ट्रीय मुद्दा जैसे "जलवायु परिवर्तन" हो, तो संपादकीय में इसके प्रभाव, इसके लिए जिम्मेदार कारण, और इसे कम करने के उपायों पर चर्चा की जा सकती है।
  • संपादकीय का उद्देश्य जनमत तैयार करना और पाठकों को जागरूक बनाना होता है।

हिंदी पत्रकारिता में संपादकीय का महत्व:

हिंदी पत्रकारिता में संपादकीय न केवल मुद्दों पर प्रकाश डालते हैं, बल्कि वे पाठकों को गंभीरता से सोचने और समाज में बदलाव लाने की प्रेरणा भी देते हैं।

SOCIAL: MEDIA PLATEFORM

जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म पर काम करने के लिए आपको पत्रकारिता, लेखन, और डिजिटल मीडिया प्रबंधन की समझ होनी चाहिए। यह एक डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म है, जो खबरों, विश्लेषण और विचारों को ऑनलाइन प्रस्तुत करता है। इस पर काम करने के लिए नीचे दिए गए कदम मददगार हो सकते हैं:


1. प्लेटफ़ॉर्म के बारे में समझें Cyberpress.in का उद्देश्य, सामग्री की शैली, और उनकी प्राथमिकता (समाचार, ब्लॉग, फीचर लेख) को समझें। उनकी वेबसाइट पर जाएं और विभिन्न लेखों को पढ़कर उनकी लेखन शैली का अध्ययन करें। यदि वे विशिष्ट क्षेत्रों (जैसे राजनीति, खेल, तकनीक, संस्कृति) पर ध्यान केंद्रित करते हैं, तो उसी के अनुसार तैयारी करें।


2. लेखन और कंटेंट क्रिएशन- साहित्यिक कौशल विकसित करें: सरल, स्पष्ट और आकर्षक लेखन की क्षमता जरूरी है। ट्रेंड्स पर नज़र रखें: डिजिटल मीडिया में वायरल और ट्रेंडिंग विषयों पर लेख लिखने का हुनर होना चाहिए। सर्च इंजन ऑप्टिमाइज़ेशन (SEO): अपनी सामग्री को SEO फ्रेंडली बनाना सीखें ताकि वह गूगल सर्च में ऊपर रैंक करे। प्लेटफॉर्म का टोन अपनाएं:  भाषा और सामग्री शैली का पालन करें।


3. तकनीकी ज्ञान- CMS प्लेटफ़ॉर्म: वर्डप्रेस, जूमला या अन्य कंटेंट मैनेजमेंट सिस्टम के इस्तेमाल में दक्षता हासिल करें।मल्टीमीडिया कौशल: लेखों को रोचक बनाने के लिए इमेज एडिटिंग (Canva, Photoshop), वीडियो एडिटिंग (Premiere Pro, Final Cut Pro) और ग्राफिक्स बनाने की जानकारी होनी चाहिए। सोशल मीडिया प्रबंधन: सामग्री को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम) पर प्रचारित करने के लिए प्रभावी तरीके जानें।


4. संपर्क स्थापित करें Cyberpress.in से जुड़ें: उनकी वेबसाइट पर "हमसे संपर्क करें" या "जॉइन अस" पेज देखें। अपना पोर्टफोलियो बनाएं: अपने लिखे हुए लेख, रिपोर्ट, या ब्लॉग का पोर्टफोलियो बनाएं और उनके साथ साझा करें। फ्रीलांस अवसरों की तलाश करें: कई डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म शुरू में फ्रीलांस लेखकों को काम देते हैं।


5. समय प्रबंधन और निरंतरता- नियमित रूप से काम करने और डेडलाइन का पालन करने की आदत डालें। डिजिटल मीडिया तेज़ी से बदलता है, इसलिए नियमित रूप से नए ट्रेंड्स और टेक्नोलॉजी के बारे में सीखते रहें।


6. नेटवर्किंग और सीखने का दृष्टिकोण संबंध बनाएं: अन्य पत्रकारों, संपादकों, और कंटेंट क्रिएटर्स के साथ नेटवर्किंग करें। सीखने की इच्छा रखें: डिजिटल पत्रकारिता का क्षेत्र लगातार बदलता रहता है, इसलिए नए उपकरण, प्लेटफ़ॉर्म, और कौशल सीखने के लिए तैयार रहें।


7. संपादकीय प्रक्रिया में योगदान दें अपने लेखों को संपादकीय मानकों के अनुरूप प्रस्तुत करें। टीम के साथ तालमेल बिठाएं और नियमित फीडबैक पर काम करें।


निष्कर्ष - Cyberpress.in जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म पर काम करने के लिए लिखने और डिजिटल टूल्स के साथ-साथ विषयों की गहरी समझ और पेशेवर दृष्टिकोण जरूरी है। इसे एक सीखने और योगदान करने वाले सफर के रूप में लें। यदि आप में लेखन का जुनून और निरंतर सीखने की आदत है, तो यह एक बेहतरीन करियर बन सकता है।

भारत में निवेश करने के लिए कई विकल्प हैं, जिनमें से आप अपनी आवश्यकता, लक्ष्य और जोखिम लेने की क्षमता के आधार पर चुनाव कर सकते हैं। यहां कुछ लोकप्रिय निवेश विकल्प दिए गए हैं:


1. म्यूचुअल फंड्स (Mutual Funds) कैसे निवेश करें: SIP (सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) या एकमुश्त (लंपसम)।लाभ: लंबे समय में अच्छे रिटर्न, विविधता (Diversification)।जोखिम: बाजार के उतार-चढ़ाव पर निर्भर।


2. शेयर मार्केट (Stock Market) कैसे निवेश करें: शेयर बाजार में सीधे कंपनियों के शेयर खरीदें।लाभ: उच्च रिटर्न का मौका।जोखिम: अधिक जोखिम और बाजार की समझ जरूरी।


3. फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit - FD) कैसे निवेश करें: बैंक या पोस्ट ऑफिस में।लाभ: गारंटीड रिटर्न, सुरक्षित। जोखिम: कम रिटर्न, मुद्रास्फीति को हरा नहीं पाता।


4. गोल्ड में निवेश कैसे निवेश करें: फिजिकल गोल्ड, गोल्ड ETF, या सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स।लाभ: मुद्रास्फीति से सुरक्षा। जोखिम: फिजिकल गोल्ड में रखरखाव का जोखिम।


5. प्रॉपर्टी/रियल एस्टेट (Real Estate) कैसे निवेश करें: जमीन, फ्लैट, या कमर्शियल प्रॉपर्टी खरीदें। लाभ: लंबे समय में अच्छा रिटर्न। जोखिम: बड़ा पूंजी निवेश और बाजार के उतार-चढ़ाव।


6. पोस्ट ऑफिस योजनाएं कैसे निवेश करें: PPF, NSC, किसान विकास पत्र (KVP), सुकन्या समृद्धि योजना।लाभ: गारंटीड रिटर्न, टैक्स में छूट।जोखिम: सुरक्षित और सरकारी गारंटी।


7. क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) कैसे निवेश करें: बिटकॉइन, एथेरियम जैसे डिजिटल एसेट्स। लाभ: बहुत ज्यादा रिटर्न का मौका। जोखिम: बहुत ज्यादा जोखिम और अस्थिरता।


8. बॉन्ड्स कैसे निवेश करें: सरकारी या कॉर्पोरेट बॉन्ड।लाभ: सुरक्षित और स्थिर रिटर्न।जोखिम: कम जोखिम।


9. पेंशन योजनाएं (Retirement Plans) कैसे निवेश करें: NPS (नेशनल पेंशन स्कीम) या PPF। लाभ: रिटायरमेंट के लिए धन। जोखिम: लंबी अवधि के लिए सुरक्षित।


10. उद्योग या बिजनेस में निवेश कैसे निवेश करें: स्टार्टअप्स या अपने व्यवसाय में।लाभ: संभावित उच्च लाभ। जोखिम: जोखिम और बाजार की समझ जरूरी।


सुझाव: विविधता लाएं: अपने निवेश को अलग-अलग विकल्पों में बांटें।जोखिम क्षमता: अपनी आय, खर्च और जोखिम सहने की क्षमता के अनुसार निर्णय लें।लंबे समय का लक्ष्य: दीर्घकालिक निवेश ज्यादा फायदेमंद होता है।

  1. सलाह लें: किसी फाइनेंशियल एडवाइजर से परामर्श करें। आपका लक्ष्य और निवेश का समय बताएं, मैं आपको अधिक स्पष्ट सुझाव दे सकता हूं। 

Sunday, November 17, 2024

 1Affirmation- & Law of Attraction(Money, Social Attraction, Health)- 2. Public Speech - Greetings - Not content develop concept- mirror & Video - PRE-SOCIETY

Affirmation Positive Affirmations” एक मानसिक तकनीक है जिसमें आप अपने मन को सकारात्मक विचारों और विश्वासों से भर देते हैं। इसका मतलब है कि आप खुद को सकारात्मक तरीके से बोलते हैं, जैसे कि “ मैं सफल हूँ, ” Working on  Money, Social Attraction, Health यह  व्यक्ति को मानसिक शांति और भावनात्मक संतुलन प्राप्त करने में मदद करते हैं।Affirmations एक शक्तिशाली मानसिक उपकरण हैं जो हमें अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने में मदद करते हैं। ये विभिन्न प्रकार के हो सकते हैं, जैसे आत्म-स्वीकृति, सकारात्मक दृष्टिकोण, शारीरिक भलाई, रिश्तों में सुधार, धन और समृद्धि, लक्ष्य निर्धारण, और भावनात्मक उपचार से संबंधित। इनका नियमित प्रयोग करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव आ सकते हैं और वह अपने व्यक्तिगत या पेशेवर जीवन में सफलता प्राप्त कर सकता है। Affirmations का प्रभाव तब और भी अधिक होता है जब व्यक्ति उन्हें दिल से और ईमानदारी से स्वीकार करता है।

Affirmation  कई प्रकार होते हैं, जो विभिन्न मानसिक, भावनात्मक, और शारीरिक पहलुओं को लक्षित करते हैं। नीचे कुछ प्रमुख प्रकार के Affirmations का वर्णन किया गया है:

1. स्व-स्वीकृति और आत्मविश्वास वाले Affirmations स्व-स्वीकृति और आत्मविश्वास के Affirmations उन लोगों के लिए होते हैं जो अपने आत्म-सम्मान और आत्म-विश्वास में सुधार चाहते हैं। ये Affirmations व्यक्ति को अपनी क्षमताओं और शक्तियों के प्रति जागरूक करते हैं। उदाहरण स्वरूप:"मैं अपने आप को जैसा हूँ, वैसे ही स्वीकार करता हूँ।" "मैं शक्तिशाली और सक्षम हूँ।" "मेरे पास अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने की पूरी क्षमता है।" इन Affirmations के माध्यम से व्यक्ति अपनी अंदरूनी ताकत को पहचानता है और अपने आत्मविश्वास को बढ़ाता है।

2. सकारात्मक दृष्टिकोण वाले Affirmations सकारात्मक दृष्टिकोण वाले Affirmations जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करने के लिए होते हैं। इन Affirmations का उद्देश्य व्यक्ति को नकारात्मक विचारों से बाहर निकालकर जीवन में सकारात्मक सोच को बढ़ावा देना होता है। उदाहरण के रूप में:"हर दिन मेरे जीवन में नई संभावनाएँ और अवसर आते हैं।" "मैं हर कठिनाई का सामना करने में सक्षम हूँ।" "मेरे जीवन में खुशी और सफलता का वास है।" ये Affirmations जीवन की चुनौतियों को सकारात्मक दृष्टिकोण से देखने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।

3. स्वास्थ्य और शारीरिक भलाई से संबंधित Affirmations स्वास्थ्य और शारीरिक भलाई को बढ़ाने के लिए Affirmations व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित करते हैं। ये Affirmations शरीर और मन की स्वस्थ स्थिति को बनाए रखने के लिए प्रयोग किए जाते हैं। उदाहरण के रूप में:"मेरे शरीर में ऊर्जा और ताजगी भरपूर है।" "मैं शारीरिक रूप से स्वस्थ और सशक्त हूँ।" "मैं अपने शरीर की देखभाल अच्छे से करता हूँ और यह मुझे स्वस्थ रखता है।" इन Affirmations से व्यक्ति अपनी सेहत को बेहतर बनाने के लिए मानसिक रूप से तैयार होता है।

4. संबंधों से संबंधित Affirmations संबंधों के Affirmations उन लोगों के लिए होते हैं जो अपने व्यक्तिगत और पेशेवर संबंधों में सुधार लाना चाहते हैं। ये Affirmations व्यक्ति को अच्छे और स्वस्थ रिश्ते बनाने के लिए प्रेरित करते हैं। उदाहरण के रूप में:"मैं स्वस्थ और प्रेमपूर्ण रिश्तों का निर्माण करता हूँ।" "मेरे पास अच्छे मित्र और सहकर्मी हैं।" "मैं अपने रिश्तों में समझ और विश्वास विकसित करता हूँ।" इन Affirmations से व्यक्ति अपने रिश्तों में सामंजस्य और सौहार्द बढ़ा सकता है।

5. धन और समृद्धि से संबंधित Affirmations धन और समृद्धि से संबंधित Affirmations का उद्देश्य व्यक्ति को आर्थिक सफलता और समृद्धि की दिशा में सोचने और कार्य करने के लिए प्रेरित करना है। ये Affirmations व्यक्ति को धन, समृद्धि, और सफलता को आकर्षित करने के लिए मानसिक रूप से तैयार करते हैं। उदाहरण के रूप में:"मेरे पास ढेर सारी संपत्ति और वित्तीय स्वतंत्रता है।" "मैं समृद्धि और सफलता के रास्ते पर हूं।" "धन और समृद्धि मेरे जीवन में निरंतर बढ़ते जाते हैं।" इन Affirmations से व्यक्ति धन और समृद्धि को अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए मानसिक रूप से तैयार होता है।

6. उद्देश्य और लक्ष्य से संबंधित Affirmations यह प्रकार के Affirmations उन लोगों के लिए होते हैं जो अपने जीवन में स्पष्ट उद्देश्य और लक्ष्य प्राप्त करना चाहते हैं। ये Affirmations व्यक्ति को अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए प्रेरित करते हैं और उसे अपनी दिशा स्पष्ट करने में मदद करते हैं। उदाहरण के रूप में:"मैं अपने लक्ष्यों को स्पष्ट रूप से जानता हूँ और उन्हें प्राप्त करने के लिए काम कर रहा हूँ।" "मेरे पास सभी आवश्यक संसाधन हैं जो मुझे मेरे लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करेंगे।" "मैं अपने जीवन के उद्देश्य की ओर बढ़ रहा हूँ।" यह Affirmations व्यक्ति को अपने लक्ष्यों की ओर केंद्रित करने और उन्हें पूरा करने के लिए उत्साहित करते हैं।

7. भावनात्मक उपचार से संबंधित Affirmations यह Affirmations मानसिक और भावनात्मक उपचार की दिशा में काम करते हैं। ये Affirmations व्यक्ति को भावनात्मक दर्द, तनाव, और चिंता से बाहर निकालने में मदद करते हैं। उदाहरण के रूप में: "मैं अपने भीतर शांति और संतुलन महसूस करता हूँ।" "मैं अपने भावनात्मक आघात को छोड़ता हूँ और स्वीकृति और प्यार के साथ आगे बढ़ता हूँ।" "मैं अपने विचारों और भावनाओं को नियंत्रित करने में सक्षम हूँ।"

Law of Attraction  लॉ ऑफ अट्रैक्शन हमें यह सिखाता है कि हम अपने जीवन को अपने विचारों और भावनाओं के द्वारा आकार दे सकते हैं। यह सिद्धांत न केवल हमें मानसिक शांति और आत्म-साक्षात्कार की ओर मार्गदर्शन करता है, बल्कि यह हमें अपने सपनों और लक्ष्यों को वास्तविकता में बदलने के लिए प्रेरित भी करता है। यदि हम इस सिद्धांत को अपने जीवन में लागू करते हैं, तो हम अपने भविष्य को बेहतर बना सकते हैं और अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं।

लॉ ऑफ अट्रैक्शन: आपका जीवन आपकी सोच का परिणाम

लॉ ऑफ अट्रैक्शन, या आकर्षण का सिद्धांत, एक ऐसी विचारधारा है जो यह मानती है कि हम जिस प्रकार की ऊर्जा और विचारों के साथ ब्रह्मांड से जुड़ते हैं, वही ऊर्जा हमें वापस मिलती है। यह सिद्धांत इस बात पर आधारित है कि सकारात्मक विचार और भावनाएँ सकारात्मक परिणाम उत्पन्न करती हैं, जबकि नकारात्मक विचार और भावनाएँ नकारात्मक परिणाम लाती हैं। इसका सीधा अर्थ यह है कि हम जो सोचते हैं, वही हमारे जीवन में घटित होता है। इस लेख में हम लॉ ऑफ अट्रैक्शन के सिद्धांत को विस्तार से समझेंगे और यह देखेंगे कि इसे अपने जीवन में कैसे लागू किया जा सकता है।

लॉ ऑफ अट्रैक्शन का सिद्धांत

लॉ ऑफ अट्रैक्शन का मूल सिद्धांत यह है कि ब्रह्मांड में हर वस्तु, व्यक्ति, और स्थिति एक प्रकार की ऊर्जा से बनी होती है। हम भी ऊर्जा के रूप में अस्तित्व में हैं, और हमारी सोच और भावनाएँ उस ऊर्जा को प्रभावित करती हैं। जब हम सकारात्मक विचारों से भरपूर होते हैं, तो हम सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करते हैं, और जब हम नकारात्मक विचारों में घिरे होते हैं, तो हम नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करते हैं।

यह सिद्धांत हमें यह सिखाता है कि हमारे विचारों का सीधा असर हमारे जीवन की घटनाओं पर पड़ता है। अगर हम अपने विचारों को सकारात्मक दिशा में निर्देशित करेंगे, तो हमारे जीवन में भी सकारात्मक बदलाव आएंगे। लॉ ऑफ अट्रैक्शन यह नहीं कहता कि हम बस बैठकर अच्छे परिणामों का इंतजार करें, बल्कि यह हमें प्रेरित करता है कि हम अपने विचारों, भावनाओं और क्रियाओं को सकारात्मक दिशा में बदलें

लॉ ऑफ अट्रैक्शन का महत्व

लॉ ऑफ अट्रैक्शन के सिद्धांत का महत्व इसलिए है क्योंकि यह हमें हमारे जीवन में होने वाली घटनाओं के प्रति जिम्मेदारी का अहसास कराता है। हम अपने जीवन के निर्माता हैं। जब हम अपनी सोच और दृष्टिकोण को बदलते हैं, तो हम अपने जीवन को नया आकार देने में सक्षम होते हैं। यह सिद्धांत हमें यह भी समझाता है कि हमारे भीतर वह शक्ति है, जिससे हम अपनी वास्तविकता को बदल सकते हैं।

आज के इस भागदौड़ भरे जीवन में जहां तनाव, चिंता और नकारात्मकता अधिक फैल चुकी है, वहीं लॉ ऑफ अट्रैक्शन का सिद्धांत हमें मानसिक शांति और संतुलन की ओर मार्गदर्शन करता है। यह हमें सिखाता है कि हम अपनी मानसिक स्थिति को बेहतर बनाकर अपने जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता ला सकते हैं

लॉ ऑफ अट्रैक्शन को जीवन में कैसे लागू करें?

  1. सकारात्मक विचार रखें: सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हम अपने विचारों को सकारात्मक दिशा में निर्देशित करें। अगर हम जीवन में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं, तो हमें अपनी सोच में विश्वास और आत्मसमानता विकसित करनी होगी। सकारात्मक सोच से न केवल मानसिक शांति मिलती है, बल्कि यह हमारे जीवन में अच्छे अवसर भी लाती है।

  2. ध्यान और मेडिटेशन करें: ध्यान और मेडिटेशन के माध्यम से हम अपनी मानसिक स्थिति को शांत और स्पष्ट रख सकते हैं। जब हमारी मानसिक स्थिति स्थिर होती है, तो हम अपनी इच्छाओं और लक्ष्यों पर बेहतर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। ध्यान से हम अपनी आंतरिक ऊर्जा को संतुलित कर सकते हैं, जिससे सकारात्मक परिणामों को आकर्षित करना आसान हो जाता है।

  3. धन्यवाद ज्ञापन: लॉ ऑफ अट्रैक्शन में धन्यवाद ज्ञापन का बहुत महत्व है। जब हम जो कुछ भी हमारे पास है, उसके लिए आभार व्यक्त करते हैं, तो यह ब्रह्मांड को यह संदेश भेजता है कि हम जो भी चाहते हैं, उसके लिए तैयार हैं। आभार से न केवल हमारे मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है, बल्कि यह हमें और अधिक अच्छे परिणामों की ओर अग्रसर करता है।

  4. Visualize (चित्रण) करें: जो हम चाहते हैं, उसे मानसिक रूप से देखने और महसूस करने की प्रक्रिया को "visualization" कहते हैं। जब हम अपने लक्ष्यों को अपनी आँखों के सामने स्पष्ट रूप से देखते हैं, तो हम उन्हें वास्तविकता में बदलने की दिशा में कदम बढ़ाते हैं। यह हमें अपने लक्ष्यों को पाने की प्रेरणा देता है और ब्रह्मांड से सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है।

  5. विश्वास रखें: लॉ ऑफ अट्रैक्शन में विश्वास रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है। जब हम यह मानते हैं कि हम जो चाहें, उसे पा सकते हैं, तो हम अपने जीवन में उस दिशा में कदम बढ़ाने के लिए प्रेरित होते हैं। विश्वास हमारी आंतरिक शक्ति को उजागर करता है और हमारे उद्देश्य को प्राप्त करने के रास्ते खोलता है।

लॉ ऑफ अट्रैक्शन का वैज्ञानिक दृष्टिकोण

कुछ लोग लॉ ऑफ अट्रैक्शन को केवल एक मनोवैज्ञानिक सिद्धांत मानते हैं, जबकि अन्य इसे एक आध्यात्मिक सिद्धांत के रूप में मानते हैं। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी यह सिद्धांत यह दर्शाता है कि हमारे मानसिक और भावनात्मक राज्यों का सीधा प्रभाव हमारे शारीरिक और भौतिक परिवेश पर पड़ता है। उदाहरण के लिए, अगर हम किसी चीज को लगातार अपने मन में कल्पना करते हैं और उसे पाने की तीव्र इच्छा रखते हैं, तो हमारे मस्तिष्क में सकारात्मक बदलाव आते हैं, जिससे हम उस दिशा में कदम बढ़ाने के लिए प्रेरित होते हैं

इसके अतिरिक्त, ब्रह्मांडीय ऊर्जा के सिद्धांत पर आधारित भौतिकी के कुछ दृष्टिकोण भी लॉ ऑफ अट्रैक्शन के समर्थन में पाए गए हैं। हालांकि, यह सिद्धांत पूरी तरह से वैज्ञानिक प्रमाणों पर आधारित नहीं है, लेकिन इसका मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव अवश्य देखा गया है।

Public Speech - Greetings - Not content develop concept- mirror & Video - 


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Greetings

1. नमस्कार, सभी उपस्थित महानुभावों को मेरा सादर प्रणाम।

संपादकीय शैली में, मैं अपनी बात प्रारंभ कर रहा हूँ एक छोटे से दोहे के साथ:

"विनम्र वाणी बोलिए, मन का ताप मिटाय।
औरन को शीतल करे, आपहुं शीतल जाय।"

यह दोहा हमें सिखाता है कि शब्दों में ऐसी शक्ति होती है जो मन की बेचैनी को भी शांत कर सकती है।
आज, हम सभी यहाँ एक विशेष अवसर पर एकत्रित हुए हैं, और यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे आप सभी से संवाद का अवसर प्राप्त हुआ।
आशा करता हूँ कि मेरी बातें आपके मन को स्पर्श करेंगी और हमारे विचारों का आदान-प्रदान हमारे सामूहिक लक्ष्य को और भी सुदृढ़ बनाएगा।

धन्यवाद

नमस्कार, आदरणीय श्रोताओं, मेरे शब्दों को आपका स्नेहपूर्ण आशीर्वाद।

"सूरज की किरणों सा उजाला लाएँ,
शब्दों में नई उम्मीद जगाएँ।
संवेदनाओं की स्याही से लिखें,
हर दिल में प्रेम का दीप जलाएँ।"

आज के इस अवसर पर, मैं आप सभी का हार्दिक स्वागत करता हूँ।
संपादकीय अंदाज में, यह कहना चाहूँगा कि हर विचार, हर शब्द, एक नया सवेरा लाने की क्षमता रखता है।
हम यहाँ केवल संवाद के लिए नहीं, बल्कि समाज और आत्मा को जागृत करने के लिए इकट्ठा हुए हैं।

"कलम की ताकत से इतिहास बदल जाए,
शब्दों से नई क्रांति की अलख जल जाए।
हर पंक्ति में हो सच की गूँज,
और हर मन में सच्चाई बस जाए।"

आशा करता हूँ कि यह मंच हमारे विचारों को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने का माध्यम बने।
आप सभी का यहाँ होना इस बात का प्रतीक है कि बदलाव की शुरुआत हमसे ही होती है।

धन्यवाद, और शुभकामनाएँ।

नमस्कार, आदरणीय श्रोतागण, मंचासीन अतिथिगण, और प्रिय साथियों।

आज इस गरिमामय अवसर पर, मैं आप सभी का दिल से स्वागत करता हूँ। संपादकीय शैली में अपनी बात प्रारंभ करने से पहले एक पंक्ति कहना चाहूँगा:

"कलम की नोक पर चलती है दुनिया,
और विचारों की धार से बदलती है सभ्यता।"

यह मंच केवल शब्दों का नहीं, बल्कि विचारों का संगम है। आज हम यहाँ एकत्रित हुए हैं ताकि संवाद के माध्यम से उन पहलुओं पर प्रकाश डाल सकें, जो समाज और राष्ट्र की प्रगति के लिए महत्वपूर्ण हैं।

"जहाँ हर शब्द हो सटीक, हर सोच हो नई,
वहाँ बदलाव की धारा रुक नहीं सकती कभी।"

मेरा यह विश्वास है कि आपकी उपस्थिति और विचार इस चर्चा को नई ऊँचाइयाँ देंगे।
आप सभी का यहाँ आना यह दर्शाता है कि हमें केवल आलोचना नहीं, समाधान की ओर भी ध्यान देना है।

आइए, इस संवाद को रचनात्मकता और प्रेरणा का एक नया अध्याय बनाते हैं।
धन्यवाद!

नमस्कार, आदरणीय श्रोतागण और प्रिय साथियों।

आज की इस खुशनुमा सभा में, मैं अपनी बात एक मनोरंजक अंदाज में एक दोहे के साथ आरंभ करना चाहूँगा:

"हँसी-खुशी का साथ हो, मन में नई उमंग।
बैठक ऐसी हो जहाँ, मिले विचारों के रंग।"

यह कहते हुए, मैं आप सभी का हार्दिक स्वागत करता हूँ।
आज का यह अवसर केवल संवाद का नहीं, बल्कि थोड़ी मस्ती, थोड़े मनोरंजन और बहुत सारे प्रेरणा के क्षणों का है।

"जहाँ शब्द गुदगुदाएँ, विचारों से दिल भर जाए,
और हँसी के फव्वारे से, हर चेहरा खिल जाए।"

यह तो तय है कि हमारी बातचीत में विचारों की गहराई होगी, पर साथ ही इसमें हल्के-फुल्के पल भी होंगे जो हर मन को सुकून दें।

आइए, इस कार्यक्रम को ऐसी संगति में बदलें, जहाँ सीखने और मुस्कुराने का अद्भुत मेल हो।
आप सभी का इस यात्रा में साक्षी बनना हमारे लिए गर्व की बात है।

"बैठे हैं आज यहाँ, हर कोई अपने खास।
बनेगी यह शाम यादगार, और होगा खूब उल्लास।"

धन्यवाद और शुभकामनाएँ! 

GAMGIN Bato se ya sabha me 

नमस्कार, आदरणीय श्रोतागण, मंचासीन अतिथिगण और प्रिय साथियों।

आज इस मंच पर अपनी बात रखते हुए मन एक अजीब से भाव में डूबा हुआ है। शुरुआत एक दोहे से करता हूँ:

"जीवन की यह राह है, कांटों से भरपूर।
फिर भी चलता जा रहा, मन आशा से पूर।"

यह दोहा उन परिस्थितियों को बयाँ करता है, जब जीवन कभी-कभी हमारे सामने चुनौतियों का अंबार लगा देता है। आज के इस कार्यक्रम का उद्देश्य भी यही है कि हम अपनी चिंताओं, दुखों और संघर्षों को शब्दों में ढालकर, उनसे उबरने का मार्ग खोजें।

"दुख का सागर गहरा है, पर साहस है नाव।
सत्य, प्रेम, और धैर्य से, पार करेंगे भाव।"

हम सभी ने अपने-अपने जीवन में कई संघर्ष देखे हैं, लेकिन यह भी सत्य है कि इन संघर्षों ने हमें मजबूत बनाया है।
आज इस मंच पर हम सिर्फ अनुभव साझा करने नहीं, बल्कि एक-दूसरे को संबल देने और प्रेरणा देने के लिए एकत्रित हुए हैं।

"गम की रातें लंबी सही, पर सुबह फिर आएगी,
हर दर्द के बाद जीवन में, खुशी मुस्काएगी।"

आप सभी का यहाँ होना, इस बात का प्रमाण है कि उम्मीद कभी मरती नहीं।
आइए, हम मिलकर अपने विचारों को एक नई दिशा दें और हर गम को ताकत में बदलने का संकल्प लें।

धन्यवाद! 

नमस्कार, आदरणीय श्रोतागण, मंचासीन अतिथिगण, और प्रिय साथियों।

आज इस मंच पर उपस्थित होकर, मैं अपनी बात की शुरुआत मुंशी प्रेमचंद जी के विचारों को समर्पित एक दोहे से करना चाहूँगा:

"सादगी हो जीवन में, हो परिश्रम का रंग।
मुश्किल राहों में भी, न छोड़ो सत्य का संग।"

मुंशी प्रेमचंद, जो हिंदी साहित्य के अप्रतिम हस्ताक्षर हैं, उन्होंने अपने लेखन में आम जनमानस की पीड़ा, संघर्ष, और उम्मीद को जीवंत किया। उनकी कहानियों ने हमें सिखाया कि जीवन में आदर्श और मानवता से बढ़कर कुछ भी नहीं।

"घनघोर अंधेरों में, जले दीप विश्वास।
सत्य, करुण, सेवा सदा, लाए नया प्रकाश।"

प्रेमचंद के साहित्य की संपादकीय शैली यही कहती है कि शब्दों की शक्ति से समाज को जागरूक करना हमारा कर्तव्य है। चाहे वह किसान की व्यथा हो, मजदूर का संघर्ष, या इंसानियत का गिरता स्तर, उनके विचार हमें सच्चाई का आईना दिखाते हैं।

आज, जब हम यहाँ संवाद के लिए एकत्रित हुए हैं, तो यही प्रयास होना चाहिए कि हम अपने शब्दों में प्रेमचंद की सादगी और उनके विचारों की गहराई को आत्मसात करें।

"कलम बनी हथियार जब, जागा जनसंहार।
प्रेमचंद के शब्द हैं, हर दिल का उद्धार।"

आइए, उनकी प्रेरणा से हम अपने समाज को और बेहतर बनाने का प्रयास करें। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम उनके सिद्धांतों को अपने जीवन और कार्यों में शामिल करें।

धन्यवाद। 

नमस्कार, आदरणीय श्रोतागण, मंचासीन अतिथिगण, और प्रिय साथियों।

आज की इस पावन सभा में, मैं अपनी बात की शुरुआत हिंदी साहित्य की महान रचनाकार महादेवी वर्मा जी की प्रेरणा से एक दोहे के माध्यम से करना चाहूँगा:

"पीड़ा में जो ज्योति जले, वही सृजन का मूल।
सहज संवेदन से मिले, जीवन को अनमोल फूल।"

महादेवी वर्मा जी का लेखन मानवीय संवेदनाओं और आत्मा की गहराइयों का दर्पण है। उन्होंने न केवल काव्य के माध्यम से नारी-जीवन की व्यथा और शक्ति को स्वर दिया, बल्कि समाज के हर उस पहलू को छुआ, जहाँ बदलाव की आवश्यकता थी। उनकी लेखनी ने हमें सिखाया कि दुख केवल पीड़ा नहीं, बल्कि आत्मबोध और सृजन का साधन भी बन सकता है।

"अश्रु नहीं हैं दुर्बलता, यह जीवन का मर्म।
सपनों के संघर्ष से, बनता जीवन धर्म।"

महादेवी जी के विचार हमें प्रेरित करते हैं कि कठिनाइयों में भी सृजनशील बने रहें। आज जब हम इस मंच पर एकत्र हुए हैं, तो हमारा उद्देश्य भी यही होना चाहिए कि हम अपने विचारों से समाज को नई दिशा दें और हर व्यक्ति के भीतर छिपी क्षमता को पहचानें।

"अंधकार से न डरें, ढूँढें उसमें ज्योति।
जीवन का यह सार है, हर पल बनें अनमोल मोती।"

उनकी कविताएँ हमें सिखाती हैं कि हर चुनौती में सौंदर्य है, हर पीड़ा में संभावना है। आइए, हम उनकी विचारधारा को अपने जीवन का मार्गदर्शक बनाकर एक बेहतर समाज की रचना का संकल्प लें।

धन्यवाद। 

नमस्कार, आदरणीय श्रोतागण, मंचासीन अतिथिगण, और प्रिय साथियों।

आज इस मंच पर अपनी बात रखते हुए, मैं एक ऐसे व्यक्तित्व की प्रेरणा को साथ लाना चाहता हूँ, जो न केवल सिनेमा के शिखर पर हैं, बल्कि अपनी आवाज़ और व्यक्तित्व से हर दिल में एक गहरी छाप छोड़ते हैं—जी हाँ, श्री अमिताभ बच्चन जी। शुरुआत एक दोहे के साथ:

"जितना गहरा घाव हो, उतना बढ़ता ज्ञान।
संघर्षों के पथ चलें, बने विजयी इंसान।"

अमिताभ बच्चन जी का जीवन हमें सिखाता है कि संघर्ष और उतार-चढ़ाव से भरी राहें ही इंसान को महान बनाती हैं। उनकी यात्रा एक प्रेरणा है, जो बताती है कि असफलता कभी भी अंत नहीं होती, बल्कि यह एक नए आरंभ की भूमिका होती है।

"जिनकी वाणी में हो जादू, जिनके शब्द विचार।
उनके कर्मों से सजे, हर युग का श्रृंगार।"

उनकी संवाद अदायगी, उनका समर्पण और उनकी मेहनत, यह सब हमें यही संदेश देता है कि अपने सपनों को पाने के लिए ईमानदारी और अनुशासन आवश्यक हैं। उनके जीवन का हर पहलू हमें यह सिखाता है कि मुश्किलों के बावजूद, कभी हार नहीं माननी चाहिए।

"उठो, बढ़ो, न थमो कभी, चाहे हो तूफान।
जीवन का यह सत्य है, संघर्ष ही पहचान।"

आज जब हम इस सभा में एकत्रित हुए हैं, तो यह हमारा भी कर्तव्य है कि उनके जैसे प्रेरणादायक व्यक्तित्व से सीख लेकर अपने जीवन को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने का प्रयास करें।

धन्यवाद! 

नमस्कार, आदरणीय श्रोतागण, मंचासीन अतिथिगण और प्रिय साथियों।

आज इस मंच पर अपनी बात की शुरुआत करते हुए, मैं राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर जी के ओजस्वी और प्रेरणादायक शब्दों को समर्पित एक दोहे से करना चाहूँगा:

"बलि देने को जो सजा, वही शांति का सेतु।
त्याग, तपस्या और कर्म से, मिलता सच्चा हेतु।"

दिनकर जी के शब्द केवल कविता नहीं, बल्कि युगों के लिए संदेश हैं। उन्होंने अपने लेखन में अन्याय के खिलाफ क्रांति की अलख जगाई और हमें सिखाया कि स्वतंत्रता और न्याय के लिए सतत संघर्ष आवश्यक है।

"वह पथ क्या, जिसमें बंधन हो, वह वाणी क्या, जो मौन।
जो चीर सके हर तम को, वही ज्योति का कौन।"

उनकी ओजपूर्ण कविताएँ हमें सिखाती हैं कि जीवन में वीरता और दृढ़ संकल्प का महत्व कितना बड़ा है। चाहे वह ‘रश्मिरथी’ का कर्ण हो या ‘परशुराम की प्रतीक्षा’ के सवाल, दिनकर जी ने हमें संघर्ष, आत्मसम्मान और कर्तव्य की राह दिखाई।

"हथियारों से बढ़कर है, विचारों का बलवान।
कलम का सम्मान करो, यही है सच्चा गान।"

आज, जब हम यहाँ एकत्रित हुए हैं, तो दिनकर जी की लेखनी का संदेश हमें यह याद दिलाता है कि सच्चा कर्म ही हमारे जीवन का पथप्रदर्शक होना चाहिए। उनके शब्द हमें आगे बढ़ने, अपने कर्तव्यों को निभाने और अपने समाज को बेहतर बनाने की प्रेरणा देते हैं।

आइए, उनके विचारों को अपने जीवन का हिस्सा बनाकर सत्य, साहस और सेवा की राह पर चलने का संकल्प लें।

धन्यवाद।

नमस्कार, आदरणीय श्रोतागण, मंचासीन अतिथिगण और प्रिय साथियों।

आज इस मंच पर अपनी बात की शुरुआत प्रसिद्ध हिंदी कवि सुमित्रानंदन पंत जी के प्रेरणादायक शब्दों से करना चाहूँगा, जिनकी कविता में प्रकृति, जीवन और मानवता की गहरी समझ दिखाई देती है। उनके लेखन का एक अद्वितीय अंदाज था, जो हर दिल को छू जाता था।

"प्रकृति के गूढ़ रहस्य से, सच्चाई की पहचान।
जीवन की सच्ची कविता है, प्रेम, कर्म और ध्यान।"

पंत जी की कविताओं में प्रकृति से जुड़ी हर एक बूँद, हर एक पंक्ति, हमें जीवन के सत्य से अवगत कराती है। उनका लेखन हमसे यह कहता है कि प्रकृति से जुड़कर ही हम आत्मज्ञान और सच्चे प्रेम को पा सकते हैं।

"जीवन में जो विचारों का हो अभ्यस्त,
वही खोजे सत्य को, वही हो सच्चा व्यक्त।"

सुमित्रानंदन पंत जी ने जीवन के सौंदर्य को, उसकी सादगी को और उसकी कठिनाइयों को अपनी कविताओं में उकेरा। उनकी रचनाओं में, खासकर "मधुशाला" और "हिमालय", में न केवल काव्य सौंदर्य है, बल्कि जीवन और जगत के गहरे अर्थ भी हैं।

"वह काव्य नहीं, जो प्रेम से दूर हो,
प्रकृति से जो न जुड़े, वह हृदय अधूरा हो।"

पंत जी के शब्द हमें यह सिखाते हैं कि जीवन का असली सुख सरलता में है, और सच्चा कर्म वही है, जो निस्वार्थ भाव से किया जाए। उनके विचारों में ऐसी गहरी संवेदनाएँ हैं, जो हमें आत्मज्ञान और आंतरिक शांति की ओर अग्रसर करती हैं।

आइए, हम सब मिलकर पंत जी की प्रेरणा से अपने जीवन में सरलता, प्रेम और संवेदनशीलता का संचार करें।

धन्यवाद। 

नमस्कार, आदरणीय श्रोतागण, मंचासीन अतिथिगण और प्रिय साथियों।

आज इस मंच पर, मैं अपनी बात की शुरुआत एक महान कवि और लेखक सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला" के प्रेरणादायक शब्दों से करना चाहता हूँ, जिनकी कविताओं में साहस, स्वतंत्रता और मानवता की गहरी धारा बहती है। उनका लेखन न केवल काव्यात्मक था, बल्कि समाज के हर तबके की आवाज भी बनता था।

"आत्मा की शक्ति से बढ़े, आस्था का तेज हो।
निरंतर संघर्षों से ही, नये सपने सेज हो।"

निराला जी के शब्दों में गहरी क्रांति की महक थी, और उनका लेखन हर भारतीय को आत्मविश्वास और संकल्प की ओर प्रेरित करता था। उन्होंने हमेशा कहा कि संघर्ष ही सच्चे जीवन का आधार है, और उसी से नई आशाएँ और उम्मीदें जन्म लेती हैं।

"गिरना और फिर उठना है, यही जीवन का रूप।
नवीनता से ही बनेगा, हर कष्ट का नाश।"

उनकी कविता "विनायक" और "राम की शक्ति पूजा" आज भी हम सभी को प्रेरित करती है। उन्होंने जीवन के हर पहलू को अपनी लेखनी से छुआ और यह सिखाया कि चाहे परिस्थितियाँ जैसी भी हों, यदि संकल्प दृढ़ हो तो सफलता निश्चित है।

"नए विचारों की धारा से, हर मन हो रोशन।
निराला की कविता से, जीवन की राह हो आसान।"

निराला जी का लेखन न केवल एक साहित्यिक धरोहर है, बल्कि यह हमें अपने जीवन में न केवल संघर्ष करने, बल्कि उसमें से कुछ नया रचनात्मकता और प्रेरणा प्राप्त करने की दिशा दिखाता है।

आइए, हम उनके विचारों और आदर्शों को अपने जीवन में अपनाएँ और हर कठिनाई को अवसर में बदलने का संकल्प लें।

धन्यवाद। 

नमस्कार, आदरणीय श्रोतागण, मंचासीन अतिथिगण, और प्रिय साथियों।

आज इस मंच पर अपनी बात प्रारंभ करते हुए, मैं हिंदी साहित्य के महान लेखकों की प्रेरणा से एक दोहे के माध्यम से अपनी बात रखना चाहता हूँ। यह दोहा लेखकों के विचारों और उनके लेखन की शक्ति को प्रस्तुत करता है, जो समाज और जीवन को बदलने में सक्षम है।

"विचारों से बनता है जीवन, शब्दों से कुम्भ का रूप।
लेखन की सृजन शक्ति से, समाज को मिलता है सत्य का रूप।"

लेखक का कर्तव्य केवल शब्दों को जोड़ना नहीं, बल्कि उन शब्दों के माध्यम से समाज के हर पहलू को उजागर करना होता है। महान लेखक न केवल अपनी रचनाओं के द्वारा काव्य और कथा का निर्माण करते हैं, बल्कि समाज की समस्याओं, उनके भावनात्मक संघर्षों, और मानवता के मूल्यों को भी सामने लाते हैं।

"जिन्हें सच्चाई का प्याला मिले, वही लेखन में प्रवृत्त।
कर्म के द्वारा सत्य को दिखा, वह ही सच्चा लेखक ठहरते।"

लेखक के शब्दों में एक अद्वितीय शक्ति होती है, जो समाज को जागरूक करती है और लोगों के मन में बदलाव लाती है। चाहे वह कबीर के निर्गुणवाद के शब्द हों, निराला की साहसिक कविताएँ हो, या प्रेमचंद की कथाएँ—हर लेखक ने अपनी रचनाओं से जीवन को नए दृष्टिकोण से देखा और उसे परिभाषित किया।

"कलम का हर शब्द हो, सत्य की ओर बढ़े,
समाज को सही दिशा दे, जब लेखन से रक्त बहे।"

आज जब हम इस मंच पर एकत्रित हैं, तो हम सभी का कर्तव्य है कि हम इन महान लेखकों के विचारों और उनके संघर्षों से प्रेरित होकर अपने समाज को सशक्त और जागरूक बनाएँ। आइए, हम लेखन की शक्ति को समझें और इसे समाज के लिए एक सकारात्मक बदलाव लाने के उपकरण के रूप में इस्तेमाल करें।

धन्यवाद। 

नमस्कार, आदरणीय श्रोतागण, मंचासीन अतिथिगण, और प्रिय साथियों।

आज इस मंच पर, मैं एक महान कवि और हिंदी साहित्य के स्तंभ, हरिवंश राय बच्चन जी के शब्दों से प्रेरित होकर अपनी बात प्रारंभ करना चाहता हूँ। उनकी कविताओं में जीवन की गहरी समझ, संघर्ष और उम्मीद की लहरें छिपी हैं। उनका लेखन हमें सिखाता है कि कठिनाइयाँ हमारे संघर्ष को प्रगति में बदल सकती हैं।

"राह में काँटे हों, या हो दूर अंबर का छाँव,
साहस से हर दर्द को, बना सकते हैं हम स्वर्णिम राव।"

हरिवंश राय बच्चन जी का जीवन और उनका लेखन इसी विश्वास से भरा हुआ था कि जीवन चाहे जैसा भी हो, संघर्ष से हम अपनी राह खुद चुन सकते हैं। उनकी काव्य पंक्तियाँ हमें आत्मविश्वास और संकल्प से भरी होती थीं, जो हमारे भीतर की शक्ति को उजागर करती हैं।

"निराशा की कोई गुंजाइश नहीं, हर हार के बाद है जीत,
जो अपनी राह पर चलता है, वह चलता है सितारों की रीत।"

उनकी कविता "मधुशाला" का उदाहरण लें, जहाँ उन्होंने जीवन के संघर्ष और उसके सुकून की ओर एक यात्रा का संकेत दिया। हरिवंश राय बच्चन जी का लेखन हमें यह सिखाता है कि जीवन में हार और जीत दोनों का अपना महत्व है।

"धैर्य से सहेजा जो दर्द, वही सुख का रास्ता हो,
प्यासे को न रुकने दो, वही सागर तक जाता हो।"

आज हम यहाँ एकत्र हुए हैं, तो हम सबका उद्देश्य यही होना चाहिए कि हम अपने जीवन की यात्रा में हर कठिनाई को आत्मविश्वास, धैर्य और साहस के साथ पार करें, जैसे हरिवंश राय बच्चन जी ने अपनी कविताओं के माध्यम से हमें सिखाया।

आइए, उनके शब्दों से प्रेरणा लेकर हम भी जीवन की राह को और बेहतर बनाने का संकल्प लें।

धन्यवाद। 

1. नमस्कार, सभी उपस्थित महानुभावों को मेरा सादर प्रणाम।

2. नमस्कार, आदरणीय श्रोताओं, मेरे शब्दों को आपका स्नेहपूर्ण आशीर्वाद।

3. नमस्कार, आदरणीय श्रोतागण और प्रिय साथियों।

4. नमस्कार, आदरणीय श्रोतागण, मंचासीन अतिथिगण, और प्रिय साथियों।

5. "विनम्र वाणी बोलिए, मन का ताप मिटाय।
औरन को शीतल करे, आपहुं शीतल जाय।"

6. "कलम की ताकत से इतिहास बदल जाए,

शब्दों से नई क्रांति की अलख जल जाए।
हर पंक्ति में हो सच की गूँज,
और हर मन में सच्चाई बस जाए।"
7. "कलम की नोक पर चलती है दुनिया,
और विचारों की धार से बदलती है सभ्यता।"
8. "कलम बनी हथियार जब, जागा जनसंहार।
प्रेमचंद के शब्द हैं, हर दिल का उद्धार।"
9. "हथियारों से बढ़कर है, विचारों का बलवान।
कलम का सम्मान करो, यही है सच्चा गान।"


"वह पथ क्या, जिसमें बंधन हो, वह वाणी क्या, जो मौन।
जो चीर सके हर तम को, यही ज्योति का काम।"

यदि कानून "क्रिस्टल लॉ" की तरह हो, तो इसका मतलब यह हो सकता है कि कानून और न्याय व्यवस्था पूरी तरह से स्पष्ट, साफ, और पारदर्शी होगी, जैसे क्रिस्टल (पारदर्शी रत्न) होते हैं। इससे निम्नलिखित परिणाम हो सकते हैं:

  1. पारदर्शिता (Transparency): अगर कानून क्रिस्टल के जैसे होते, तो न्याय व्यवस्था पूरी तरह से स्पष्ट होती, जिसमें कोई भी छिपा हुआ या अस्पष्ट तत्व नहीं होता। हर कानूनी प्रक्रिया और निर्णय सार्वजनिक और समझने योग्य होते, जिससे नागरिकों को अपने अधिकार और कर्तव्यों के बारे में पूरी जानकारी मिलती।

  2. समानता (Equality): कानून में किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं होता, और सभी नागरिकों के साथ समान व्यवहार किया जाता। न्याय व्यवस्था में किसी भी पक्ष को अन्य के मुकाबले अधिक या कम महत्व नहीं मिलता।

  3. विश्वसनीयता (Trust): जब कानून स्पष्ट और निष्पक्ष होंगे, तो जनता का न्याय व्यवस्था में विश्वास बढ़ेगा। लोग यह मानेंगे कि उनके मामलों का न्यायपूर्ण तरीके से निपटारा किया जाएगा।

  4. सरलता (Simplicity): यदि कानून क्रिस्टल जैसे होते, तो कानूनी प्रक्रिया सरल और समझने में आसान होती। लोग बिना किसी जटिलता के अपने मामलों को समझ पाते और उनका समाधान ढूंढ सकते।

  5. त्वरित न्याय (Swift Justice): स्पष्ट और पारदर्शी कानूनों के तहत न्याय जल्दी और सटीक रूप से मिल सकता है, क्योंकि कोई भी दुरुपयोग या गलती की संभावना कम होगी।

इस तरह की न्याय व्यवस्था नागरिकों को अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति पूरी तरह से जागरूक बनाती है और समाज में शांति और विश्वास को बढ़ावा देती है।

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Monday, November 11, 2024

2024                                                 BACK
दिसम्बर प्रथम     जिला स्थापना दिवस समारोह, भावभीनी श्रद्धांजलि समाहरणालय परिसर अवस्थित बाबा साहेब, दो प्रतिभागी प्रथम राज्य स्तरीय युवा महोत्सव -2024, चनपटिया अंचल अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय का निर्माण, बैठक सम्पन्न प्रस्तावित भ्रमण कार्यक्रम की तैयारी, ऑन-द-स्पाॅट समाधान जिलाधिकारी के जनता दरबार, प्रधानमंत्री के संबोधन ‘तीन नये आपराधिक कानूनों’ के सफल क्रियान्वयन, अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस, नुक्कड़ नाटक बाल विवाह, नशामुक्ति, दहेज प्रथा उन्मूलन, नया जीवन मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना, नियोजन कार्यालय टूल किट, स्टडी किट वितरण कार्यक्रम, जागरूकता अभियान लिंग आधारित हिंसा समाप्त करने हेतु

नवम्बर चतुर्थ      समीक्षात्मक बैठक श्री सरवणन एम.,आयुक्त, तिरहुत प्रमंडल, दीदी अधिकार केंद्र का उद्घाटन, संविधान दिवस सप्ताह, नशामुक्ति दिवस सभाकक्ष में लाइव वीडियो प्रसारण, पैक्स निर्वाचन मीडिया प्रतिनिधिगण को संबोधित, भौतिक निरीक्षण निर्माणाधीन गोबरधन यूनिट, जिलाधिकारी के जनता दरबार, पीएचसी, भितहां मरीजों को देखभाल करने का निर्देश, खेती मिशन का शुभारंभ, देश का प्रकृति संरक्षण अभियान।

नवम्बर  तृतीय    विश्व शौचालय दिवस शौचालय-हमारा सम्मान अभियान, प्रेस का बदलता स्वरूप, कनाडा के दंपत्ति स्पेशल नीड्स बालक को लिया गोद, पुरुष नसबंदी पखवाड़ा मेला, समाहरणालय सभाकक्ष शिक्षकों के नियुक्ति पत्र वितरण समारोह, गुणवता की जांच हर घर नल का जल योजना, एक दिवसीय मेला नियोजन-सह-व्यावसायिक मार्गदर्शन, जन जातिय ग्राम सभा बैठक, आयुष्मान कार्ड निर्माण हेतु विशेष अभियान, प्रशिक्षण शिविर  पेयजल एप से जलापूर्ति की जांच, जीएमसीएच का औचक निरीक्षण, 14 दिसंबर 2024 नेशनल लोक अदालत।

नवम्बर द्वितीय -पैक्स निर्वाचन समीक्षा के दौरान अधिकारियो को निर्देश , सेमिनार एवं मुशायरा फरोग ए उर्दू कार्यशाला , मतदाता सूची सात प्रतिशत मतदाताओं का जोड़े नाम , मत्स्य बाहुल्य क्षेत्र हेतु कार्यवाई , BioE3 नीति बाओमानुफैक्चरिंग और बायोफाउंडरी सेमिनार , हिट एंड रन जिलास्तरीय समिति की बैठक , कार्यालय का हो बेहतर प्रबंधन , नगर / ग्राम पंचायत में खेल क्लब का गठन का निर्देश , www.cyberpress.in, कुटुम्ब प्रबोधन भारतीय संस्कृति का मूल सिद्धांत 

नवम्बर प्रथम- जनता दरबार। पैक्स निर्वाचन 2024।पर्वेक्षण गृह का निरिक्षण ।शिक्षा कार्यालय में पूछताछ काउंटर ।नियोजन सह मार्गदर्शन मेला ।बिभिन्य छठ घाटों का निरिक्षण । तीसरी बार टॉप बगहा अस्पताल ।समहरणालय परिसर भ्रमण ।निर्वाचन सूची का पुनरीक्षण 2025  ।बी वी पैट वेयर हाउस का निरिक्षण  ।सिक्किम का हर्बल ज्ञान और होमिओपैथ  ।रोजगार मंत्रालय और सिंगल उजाला समूह  । अबैध संचालन (आराध्य जांच और विभा ड्रग )। डिजिटल जीवन प्रमाण 3.0 ।

अक्टूबर द्वितीय - कैंप मोड में लंबित म्युटेशन , सौहार्दपूर्ण वातावरण में मनाये दशहरा, टी बी मरीजों की पोषण राशि हुए दोगुनी, स्वभाव स्वक्षता संस्कार स्वक्षता, बेतिया राज परिसम्पतिया को लेकर बैठक , श्री रतन टाटा के निधन पर शोक। 

अगस्त चतुर्थ -शहीदों की श्रद्धांजलि बेतिया , स्कूल सुरक्षा और संरक्षा -2021 , डेंगू के मरीज जांच एवं उपचार की व्यवस्था मुफ्त , प्रवाशी मजदूर मित्र कार्यशाला (मजदूर मंच ) , परिवार नियोजन सेवा पखवारा, प्राचार्य निलंम्बित जीएनएम कॉलेज बेतिया,

2023

जुलाई द्वितीय -ग्रीनिज वर्ड रिकॉर्ड लम्बानि पैचवर्क कढ़ाई , संदूर कुशल कला केंद्र के बारे में , ग्रेन एक्स प्रणाली का शुभारम्भ, महिला एवं पुरुष जागरूकता अभियान , आयुष स्वास्थ्य सेवाएं , पितृ परियोजना , प्लांट केयर Advt.

2022

अप्रैल चतुर्थ  - आदर्श संस्कृति नदी चंद्रावत के किनारे, एक झलक बेतिया राज के इतिहास पर , व्यापर का जलमार्ग चंद्रावत नदी , महिला शक्ति , बिहार के 84 घाटों को मिली मंजूरी , जल-खर-दाना , गंगा को गया तक भागीरथी प्रयास , गण्डक प्रहरी , भावी उप मेयर प्रत्याशी बेतिया नगर निगम क्षेत्र के प्रत्याशी। 

अप्रैल प्रथम  - परियोजना नमामि गण्डक , चम्पारण में गंडक की सहायक नदियाँ , गंगा डाल्फिन सूंस , Preliminary Project Report, Weight Chart, TEALC

Affirmation

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